वक़्त
वक़्त क्यों ठहरा सा हैं
ज़िन्दगी से क्यों उलझा सा हैं
कभी अपना तो कभी बेगाना सा हैं
इश्क़ के माहौल में वक़्त बेकाबू सा हैं
वक़्त की नजाकतों से कर ली हम ने भी मोहब्बत,
अब वक़्त भी हमारा दीवाना सा हैं
:-अभिषेक शर्मा
ज़िन्दगी से क्यों उलझा सा हैं
इश्क़ के माहौल में वक़्त बेकाबू सा हैं
अब वक़्त भी हमारा दीवाना सा हैं
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