Friday, July 8, 2016

बरसात

















बरसात………………

हवाओं से पैगाम मिला हैं
मौसम का कुछ मिजाज बदला है
शांत हुई सागर की लहरें
तूफानों को विराम मिला है
पर्वतों से टकराते बादल
बरसातों को नया आगाज मिला है
बहारों मे आई नयीं उमंग
फुलवारीं को फूलों का नया उपहार मिला है
शांत पडा था सारा आलम
हर पक्षी को नया सुर ताल मिला है
(बरसात):-@अभिषेक शर्मा

No comments:

Post a Comment