Saturday, September 3, 2016

हिम्मत ऐ जिंदगी






















हिम्मत ऐ जिंदगी

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है बहुत अंधियार अब सूरज निकलना चाहिये
है कितना तेज ये तूफान इसे थमना चाहिये
घर बार सब के बिखर गये मुश्‍किल की है घड़ी
है हिम्मत ऐ जिंदगी फिर नही डरना चाहिये
अभिषेक शर्मा अभि
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स्वंयरचित रचना सर्वाधिकार प्राप्त

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