Monday, September 5, 2016

भ्रष्टाचार

















भ्रष्टाचार

बढता ही जायें यह कैसा नफरत जाल है
भ्रष्ट नेताओं से शराफत का बुरा हाल है
इंसानियत को भी किया है अब बदनाम
इंसान ने ओढ ली जैसे जानवर की खाल है
अभिषेक शर्मा अभि
स्वंयरचित रचना सर्वाधिकार प्राप्त

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