Wednesday, August 31, 2016
इसांन की बनावट
इसांन की बनावट
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चमक दमक झूठी ये दुनिया की सजावट है
जिदंगी के दर्पण मे सब की मुस्कुराहट है
फरेब धोखे मिलते है इस अनजाने शहर मे
कुदरत नहीं यह तेा इसांन की बनावट है
अभिषेक शर्मा अभि
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चमक दमक झूठी ये दुनिया की सजावट है
जिदंगी के दर्पण मे सब की मुस्कुराहट है
फरेब धोखे मिलते है इस अनजाने शहर मे
कुदरत नहीं यह तेा इसांन की बनावट है
अभिषेक शर्मा अभि
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इश्क़ की बरसात
इश्क़ की बरसात
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हसीन बहारों में क्या वो मुलाकात थी
धडकने बडी इश्क की वो शुरूवात थी
चॉंद तारे भी करने लगे उनकी तारीफ़
जरूर कुछ तो अलग सी उसमे बात थी
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खत्म हुवा अन्धेरा अब तो चाँदनी रात है
बता ही दिया जो इस दिल के जज्बात है
इन नजरों में सजी जो उनकी है तस्वीर
दिल की आग बुझी ये इश्क़ की बरसात है
अभिषेक शर्मा अभि
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स्वंयरचित रचना सर्वाधिकार प्राप्त
हसीन बहारों में क्या वो मुलाकात थी
धडकने बडी इश्क की वो शुरूवात थी
चॉंद तारे भी करने लगे उनकी तारीफ़
जरूर कुछ तो अलग सी उसमे बात थी
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खत्म हुवा अन्धेरा अब तो चाँदनी रात है
बता ही दिया जो इस दिल के जज्बात है
इन नजरों में सजी जो उनकी है तस्वीर
दिल की आग बुझी ये इश्क़ की बरसात है
अभिषेक शर्मा अभि
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Monday, August 22, 2016
मानव का कर्म
मानव का कर्म
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सोच-समझ विचार कर देखो, क्या मानव का कर्म है ।
आतंकी कुरूपता को त्यागो, यह तो महा अधर्म है ।
मानव मन में ईश्वर है, जिसका प्रतीक है प्रेम विमल,
सबके हित की रक्षा करना, ही मानव का धर्म है ।
अभिषेक शर्मा अभि
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मुक्तक
सोच-समझ विचार कर देखो, क्या मानव का कर्म है ।
आतंकी कुरूपता को त्यागो, यह तो महा अधर्म है ।
मानव मन में ईश्वर है, जिसका प्रतीक है प्रेम विमल,
सबके हित की रक्षा करना, ही मानव का धर्म है ।
अभिषेक शर्मा अभि
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मुक्तक
मित्र का प्रभाव
मित्र का प्रभाव
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कृष्ण ने सुदामा के मन का जान लिया भाव है
सखा रूप में प्रभु का मित्र पर कैसा प्रभाव है
सुदामा कृष्ण रूप पर मोहित हुई वाणी विराम
मित्र ने लगाया हृदय से अब ना कोई अभाव है
अभिषेक शर्मा अभि
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कृष्ण ने सुदामा के मन का जान लिया भाव है
सखा रूप में प्रभु का मित्र पर कैसा प्रभाव है
सुदामा कृष्ण रूप पर मोहित हुई वाणी विराम
मित्र ने लगाया हृदय से अब ना कोई अभाव है
अभिषेक शर्मा अभि
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भैया एक वादा चाहूँ
भैया एक वादा चाहूँ
मुक्तक
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राखी के बदले भैया एक वादा चाहूँ
मॉं के लिए तेरा प्यार ज्यादा चाहूँ
भरोसा मुझे ना बदलेगा मेरा भैया
सदैव एक ही राम सी मर्यादा चाहूँ
अभिषेक शर्मा अभि
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राखी के बदले भैया एक वादा चाहूँ
मॉं के लिए तेरा प्यार ज्यादा चाहूँ
भरोसा मुझे ना बदलेगा मेरा भैया
सदैव एक ही राम सी मर्यादा चाहूँ
अभिषेक शर्मा अभि
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Thursday, August 11, 2016
जीत की आशा
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जिंदगी प्यार का खेल ना कोई तमाशा है
मत छोड़ उम्मीद अभी जीत की आशा है
महनत कम मत होने दे लक्ष्य तो आधा
मंजिल थोड़ी सी दुर फिर क्यों निराशा है
अभिषेक शर्मा अभि
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जिंदगी प्यार का खेल ना कोई तमाशा है
मत छोड़ उम्मीद अभी जीत की आशा है
महनत कम मत होने दे लक्ष्य तो आधा
मंजिल थोड़ी सी दुर फिर क्यों निराशा है
अभिषेक शर्मा अभि
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Wednesday, August 10, 2016
तुलसी के गुण गान
तुलसी जयन्ती पर विशेष
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ध्यान ,योग और कर्म से,जो बन गए महान ।
त्याग समर्पण भावना, है जिनकी पहचान ।
ज्ञान सदा परिपूर्ण कर, दिशा बताया नेक,
सीयराम की भक्ति ही, तुलसी के गुण गान।
अभिषेक शर्मा अभि
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ध्यान ,योग और कर्म से,जो बन गए महान ।
त्याग समर्पण भावना, है जिनकी पहचान ।
ज्ञान सदा परिपूर्ण कर, दिशा बताया नेक,
सीयराम की भक्ति ही, तुलसी के गुण गान।
अभिषेक शर्मा अभि
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Monday, August 8, 2016
Saturday, August 6, 2016
Tuesday, August 2, 2016
कामयाबी
कामयाबी
“” मुक्तक “”
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पदचिह्नों पर पीढ़ियाँ चले, जग मे कुछ ऐसा काम करो
व्यक्ति हर विशेष है अन्दर के हुनर को खुले आम करो
भूल मत जाना अपनी मॉ को जो हर पल तुझे याद करे
अगर मिले कोई कामयाबी तो उसे अपनी मॉं के नाम करो
अभिषेक शर्मा “अभि
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“” मुक्तक “”
व्यक्ति हर विशेष है अन्दर के हुनर को खुले आम करो
भूल मत जाना अपनी मॉ को जो हर पल तुझे याद करे
अगर मिले कोई कामयाबी तो उसे अपनी मॉं के नाम करो
अभिषेक शर्मा “अभि
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“” मुक्तक “”
दिल प्यार के नाम
दिल प्यार के नाम
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प्यार में ना कोहराम करो
खुशीओ को सरे आम करो
अपना गम तुम भुल जाओ
जग में कुछ ऐसा काम करो
प्यार में ना बदनाम करो
एक ही दुआं सलाम करो
इश्क मे पराया नहीं होता
दिल को प्यार के नाम करो
अभिषेक शर्मा अभि
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खुशीओ को सरे आम करो
अपना गम तुम भुल जाओ
जग में कुछ ऐसा काम करो
एक ही दुआं सलाम करो
इश्क मे पराया नहीं होता
दिल को प्यार के नाम करो
अभिषेक शर्मा अभि
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