अभिषेक शर्मा
Saturday, October 22, 2016
प्रेम का श्रृंगार
तुम से कुछ यूँ जुडी हुई दिल्लगी मेरी
श्रृंगार तेरे प्रेम का बस ये सादगी मेरी
चाँद से मांगू हमारे इस रिश्ते की चमक
साजन के साथ ऐसे कटती जिदंगी मेरी
____________अभिषेक
शर्मा
अभि
No comments:
Post a Comment
‹
›
Home
View web version
No comments:
Post a Comment