जीवन पथ में गुरू का परम स्थान हो
उचित ज्ञान से ही मार्ग का उत्थान हो
कलियुग का समय हर पल यह बदले
अपने आराध्य का समयनुसार ध्यान हो
अवसर को पाने का ही जतन हो
हर असफलता का आत्ममंथन हो
बुराई कर देती है जीवन का नाश
पतन से पूर्व सही मार्ग दर्शन हो
________अभिषेक शर्मा अभि
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