इज़हार
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हर रोज चाहत मिलने की ना होता ये इंतजार बढती ही जाये दिल की बेचैनी कैसा ये इकरारअजीब इश्क की दीवानगी करती दिल को उदासजिदंगी अब तुम्हारी है कर दे दिल का ये इज़हारअभिषेक शर्मा अभि***********************************
स्वंयरचित रचना सर्वाधिकार प्राप्त
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