अभिषेक शर्मा
Thursday, January 19, 2017
पद
सपने देखे जाने के संसद में
फस से गये हम अपने पद मे
नादान जिन्हें समझ रहे थे हम
लगता बड़े हो गये है वो कद मे
__________ अभिषेक शर्मा
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