दीदार की हसरत
*************************************************हसीन चेहरे को कहाँ सजने की फुरसत हैइस दिल को उन के दीदार की हसरत हैमासूम सी वो सादगी ही है उनकी पहचानदेखो बहारों मे छुपी वो सच मे कुदरत हैअभिषेक शर्मा अभि*************************************************
स्वंयरचित रचना सर्वाधिकार प्राप्त
आपकी लिखी रचना "पांच लिंकों का आनन्द में" शनिवार 03 सितम्बर 2016 को लिंक की जाएगी .... http://halchalwith5links.blogspot.in पर आप भी आइएगा ....धन्यवाद!
ReplyDeleteabhar ji
ReplyDelete