Sunday, November 20, 2016

प्रेम का गणवेश




























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शालीनता मन मे प्रेम का गणवेश है
मधुर बोली सर्व धर्मो का यह देश है
नित्‍य होती है यहाँ साफ सफाई 
स्वच्छता में ही देवो का प्रवेश है
__________अभिषेक शर्मा अभि

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