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हवाओं से पैगाम मिला हैं
मौसम का कुछ मिजाज ढीला है
हवाओं से पैगाम मिला हैं
मौसम का कुछ मिजाज ढीला है
पर्वतों से बादल का मिलना
शीत लहर का आगाज हुआ है
शीत लहर का आगाज हुआ है
शांत पडा ये सारा आलम
हर व्यक्ति का रिवाज बदला है
हर व्यक्ति का रिवाज बदला है
आसमां पर कोहरे की चादर
सागर में जैसे अपना जहाज खडा है
______________अभिषेक शर्मा
सागर में जैसे अपना जहाज खडा है
______________अभिषेक शर्मा
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