पथजड़ सा लगे हर तरफ कमी सी लगे।
पत्ते पड़े फूल ना दिखे अब सुना जहां सा लगे।
जिदंगी की हंसी मे कुछ कमी सी लगे
बिन सवान धरती अधुरी सी लगे।
हर तरफ है सुना, प्यार मे कमी सी लगे
दिलो मे आई बेवफाई प्यार की कांतिल सी लगे।
अपने इरादो से अब जाने कितने हटने लगे
बेवफाओ के नाम पर अब जाने कितने मरने लगे।
जिसने रखा होसला इस दोर मे उन्हे हर पल अब सावन सा लगे।
पथजड़ का मौसम :- अभि शर्मा
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