सब एक किरदार हैं
सब का निश्चित स्थान हैं
जैसे वो रचेगा
वैसा ही घटेगा
दुख-सुख तो एक अभाव हैं
ये तो उसका किया हिसाब हैं
कोई कहता हैं मिलाती है किस्मत
ये भी तो उसी का एक भाग हैं
क्या होगा किसी को नही पता
प्रयास करना अपने हाथ हैं
कोई बनता ज्ञानी तो काई महान हैं
तु हो ना आश्चर्य चकित ये भी तो किरदार हैं
कोई कहता हैं में सब जान गया
उसके लिये ना कोई भार हैं
करता रहे अपना कर्म
आगे खड़ा वही भगवान हैं
:-अभिषेक शर्मा
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