Wednesday, June 22, 2016

प्रेम का खेल




















प्रेम का खेल

प्रेम की रचना में शब्‍दो का वो मेल
जैसे राधा संग श्‍याम का सुन्दर प्रेम
मीरा का भी अद्भुत था प्रेम
समपर्ण समर्पित भक्ति का मेल
आंसमा में असंख्य तारे अनेक
देखो अद्भुत हैं इसका चंदा से मेल
सागर को होता हैं लहरों से अधिक प्रेम
सावन में होते हैं जैसे बारिश के खेल
कभी करूणा कभी पीड़ा और त्‍याग का मेल
ईश्वर का हैं ये , अद्भुत प्रेम का खेल
(प्रेम का खेल):-अभिषेक शर्मा

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