हिन्दुस्तानी
जीत लेते हैं प्यार से सब का दिल
नफरत को हम किनारा बोलते हैं
पूछ लेता हैं,जब कोई मजहब हमें
तो एक हिन्दुस्तानी ही बोलते हैं
दिल मे बसतें हैं हमारे महात्मा गांधी,
पर जुबांन से वहीं भगत सिंह इंकलाब बोलते हैं
मत दिखा मौत का आंतक हमें,
हम तो रोज मौत को सलाम बोलते हैं |
(हिन्दुस्तानी)@:-अभिषेक शर्मा
नफरत को हम किनारा बोलते हैं
तो एक हिन्दुस्तानी ही बोलते हैं
पर जुबांन से वहीं भगत सिंह इंकलाब बोलते हैं
हम तो रोज मौत को सलाम बोलते हैं |
(हिन्दुस्तानी)@:-अभिषेक शर्मा
No comments:
Post a Comment