Saturday, June 25, 2016

हिन्‍दुस्‍तानी


















हिन्‍दुस्‍तानी

जीत लेते हैं प्‍यार से सब का दिल
नफरत को हम किनारा बोलते हैं
पूछ लेता हैं,जब कोई मजहब हमें
तो एक हिन्‍दुस्‍तानी ही बोलते हैं
दिल मे बसतें हैं हमारे महात्मा गांधी,
पर जुबांन से वहीं भगत सिंह इंकलाब बोलते हैं
मत दिखा मौत का आंतक हमें,
हम तो रोज मौत को सलाम बोलते हैं |
(हिन्‍दुस्‍तानी)@:-अभिषेक शर्मा

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