Sunday, January 22, 2017

अनुकूल



















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क्रोध, मोह, माया जीवन का अन्धकार है 
कठिन पथ परिश्रम से प्राप्त अधिकार है
सत्य का मार्ग होता है सदा ही अनुकूल
अहिंसा और मानव हित जीवन का सार है
जीवन तो प्रभु प्रेम का उपहार है
अलमोल मुल्य न कोई प्यापार है
समय के अनुरूप है चलना हमको
प्रतिकूल दिशा से जीवन की हार है
_____________अभिषेक शर्मा

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